1.#Opinion : Sunday, 01 Oct 2023 06:00. 3281// 1.#PMINDIA: News Updates: PM’s address at ‘Sankalp Saptaah’ Program on Aspirational Districts: 30 Sep, 2023: Print News.///


#PM Launches Aspirational Blocks Portal, *Champions of Change*at Bharat Mandapam*in Pragati Maidan, New Delhi on September 30, 2023.

================================================================

1.#Opinion : Sunday, 01 Oct 2023 06:00. 3281// 

1.#PMINDIA: News Updates: PM’s address at ‘Sankalp Saptaah’ Program on Aspirational Districts: 30 Sep, 2023: Print News.///

================================================================

VIDEO: PM Modi at launch of Sankalp Saptaah–‘Sabki Akankshayein Sabka Vikas’- Aspirational Blocks Programme

================================================================

#PM’s address at ‘Sankalp Saptaah’ Program on Aspirational Districts.


#PM’s address at ‘Sankalp Saptaah’ Program on Aspirational Districts.

================================================================

कार्यक्रम में उपस्थित केंद्रीय कैबिनेट के मेरे सभी साथी, सरकार के अधिकारीगण, नीति आयोग के सभी साथी और इस कार्यक्रम में देश के अलग-अलग भागों से, अलग-अलग ब्लॉक से grassroots लेवल पे जो लाखों साथी जुड़े हैं, बहुत बड़ी मात्रा में जनप्रतिनिधि भी आज इस कार्यक्रम से जुड़े हैं और इस विषय में रूचि रखने वाले भी आज हमारे साथ भिन्न-भिन्न माध्यमों से जुड़े हैं, मैं आप सबका स्वागत करता हूं। और इस कार्यक्रम के लिए आप सबको, विशेषकर के नीति आयोग को बधाई भी देता हूं और आप सबको शुभकामनाएं भी देता हूं।

आप लोग भारत मंडपम में इकट्ठे हुए हैं और इससे देश की सोच का पता चल सकता है, भारत सरकार की सोच का पता चल सकता है और वो ये है कि एक महीने के भीतर-भीतर अभी वो लोग यहां जमा हुए हैं, जो देश के दूर-सुदूर गांव की चिंता करने वाले लोग हैं, आखिरी छोर पर बैठे हुए परिवार की चिंता करने वाले लोग हैं, उनकी भलाई के लिए योजनाओं को आगे बढ़ाने वाले लोग हैं। और इसी एक महीने में यहां पर वो लोग बैठ रहे थे, जो दुनिया को दिशा देने का काम करते थे। यानि आप canvas का रेंज देख लीजिए। जिस भारत मंडपम में इसी एक महीने में विश्व के गणमान्य नेता मिल कर विश्व की चिंता कर रहे थे उसी भारत मंडपम में मेरे देश के जमीनी स्तर पर बदलाव लाने वाले, मजबूती लाने वाले और हौसलें बुलंद करके काम करने वाले मैं लाखों साथियों के साथ आज मिल रहा हूं, मेरे लिए गर्व की बात है। मेरे लिए ये summit भी G-20 से कम नहीं है।

हमारे साथ online भी काफी लोग जुड़े हुए हैं। यह कार्यक्रम ‘Team भारत’ की सफलता का प्रतीक है, ये ‘सबका प्रयास’ की भावना का प्रतीक है। ये कार्यक्रम भविष्य के भारत के लिए भी अहम है और इसमें संकल्प से सिद्धि ये inherent है, उसका प्रतिबिंब है।

साथियों,

जब भी कभी आजादी के बाद बनी top 10 योजनाओं का अध्ययन होगा, तो उसमें Aspirational District Program को स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। Aspirational District Program ने, आकांक्षी जिला अभियान ने, देश के 112 जिलों में 25 करोड़ से ज्यादा लोगों का जीवन बदल दिया है, quality of life में बदलाव आया है, ease of governance में बदलाव आया है और जो कल तक छोड़ो यार बस जिंदगी पूरी कर लो, ऐसे ही गुजारा करना है। उस सोच में से बाहर होकर के वहां का समाज अब ऐसे नहीं रहना है, कुछ करके दिखाना है इस मूड में है। मैं समझता हूं ये बहुत बड़ी ताकत है। इस अभियान की सफलता अब Aspirational Block Program का आधार बनी है। District level का experience इतना सफल रहा है कि दुनिया में विकास के मॉडल की चर्चा करने वाले हर कोई इस में से बहुत कुछ lessons खासकर के developing countries के लिए suggest कर रहा है। हमने भी उसी में से बहुत सीखा है और उस में से विचार आया है कि 500 blocks देश के हर राज्य में जहां भी, और एक parameter के तहत इसका मूल्यांकन किया गया है। और उसमें से इन 500 block अगर हम, इसको state की average पर अगर हम ले आए, national average पर ले जाए, आप कल्पना कर सकते हैं कितना बड़ा परिवर्तन आएगा, कितना बड़ा परिणाम आएगा और मुझे विश्वास है कि जिस तरह Aspirational District Program ने कामयाबी का परचम लहराया, वैसे ही Aspirational Block Program भी 100 per cent सफल होने ही वाला है। और इसलिए नहीं कि योजना बड़ी अद्भुत है, इसलिए कि काम करने वाले लोग अद्भुत हैं। अभी कुछ देर पहले मैं 3 साथियों के साथ गप मार रहा है आप ने सुना चर्चा। देखिए उनका आत्मविश्वास देखिए और जब मैं grassroot level पर काम करने वाले आप साथियों का आत्मविश्वास देखता हूं तो मेरा आत्मविश्वास अनेक गुना बढ़ जाता है, बल्कि multiply हो जाता है। मेरी सिर्फ शुभकामनाएं आपके साथ ऐसा नहीं है, मैं पूरी तरह आपके साथ खड़ा हूं। अगर आप 2 कदम चलें तो मैं 3 कदम चलने के लिए तैयार हूं, अगर आप 12 घंटे काम करें तो मैं 13 घंटे करने के लिए तैयार हूं। और मैं आपका एक साथी बनकर के काम करना चाहता हूं, आपकी टीम का एक सदस्य बनकर के काम करना चाहता हूं और मुझे विश्वास है कि हम लोग एक team बनकर के ये Aspirational Block का success जो चाहते हैं, अगर हमने उसको 2 साल का टाइम तय किया है तो मुझे पक्का विश्वास है हम डेढ़ साल में कर देंगे, अगर हमने डेढ़ साल तय किया है तो हम एक साल में कर देंगे ये मेरा पक्का विश्वास है। और कुछ तो Block ऐसे निकलेंगे जो एक-आद विषय को एक या दो week में ही उसको normal state average से ऊपर ले जाने का सामर्थ्य रखते हैं, वो करके देंगे मुझे पक्का विश्वास है। क्योंकि आप सबको भी पता है कि मैं इसको हर दिन देखने वाला हूं, हर दिन बारीकी से देखने वाला हूं, इसलिए नहीं कि मैं आपकी एग्जाम लेने वाला हूं, इसलिए कि जब मैं आपकी सफलता देखता हूं ना तो उस दिन मेरे काम करने की ताकत बढ़ जाती है, मेरा उत्साह बढ़ जाता है। मुझे भी लगता है यार आप इतना काम करते हैं, चलो मैं भी थोडा ज्यादा करता हूं। मैं इसलिए चार्ट को देखता रहता हूं ताकि वो चार्ट ही मेरा inspiration बन जाता है, मेरी ताकत बन जाता है।

और इसलिए साथियों,

Aspirational District Program को, आकांक्षी जिले को अब 5 वर्ष हो गए हैं। इस कार्यक्रम से किसको क्या मिला, क्या पाया, कहां और कैसे बेहतरी हुई, इन सारे विषयों का आकलन जब कोई 3rd Agency करती है तो वो भी वो संतोष व्यक्त करती है, तो हम लोग तो जो साथ जुड़े हुए हैं, हमें संतोष होना बहुत स्वाभाविक है। आकांक्षी जिला कार्यक्रम से एक और बात तय होती है। अगर हम Good Governance की बहुत basic चीज़ों पर ध्यान दें, तो चुनौतीपूर्ण लगने वाले लक्ष्य भी हासिल हो सकते हैं। आकांक्षी जिला प्रोग्राम के लिए हमने बहुत ही सरल रणनीति के तहत काम किया है। आपने भी देखा है, जब कोई बीमार होता है, तो वो डॉक्टर के पास जाता है। वहां डॉक्टर पहले मान लीजिए उसको लगता है गंभीर बीमारी है सर्जरी करने की जरूरत है लेकिन डॉक्टर urgency है तो भी कहेगा नहीं अभी 15 दिन नहीं पहले आपकी इम्यूनिटी ठीक होनी चाहिए। ताकि operations हो तो आपका शरीर respond करे ऐसे स्थिति होनी चाहिए, उसकी क्षमता बढ़नी जरूरी होती है। और वो मरीज को भी उसी प्रकार के उपचार करता है, उसी प्रकार की मदद करता है, उसी प्रकार की तैयारी करवाता है फिर जैसे ही बॉडी respond के योग्य हो जाए फिर वो गंभीर बीमार को हैंडल करने की दिशा में जाता है, सर्जरी करेगा बाकी कोई आवश्यकता नहीं है। तब तक वो गंभीर बीमारी को हाथ नहीं लगता है। ये सुनिश्चत कर लेता है कि मरीज का शरीर सर्जरी के लिए तैयार है। कोई भी शरीर तब तक पूरी तरह स्वस्थ नहीं माना जाता, जब तक हर अंग ठीक से काम ना करे। अब parameter देखा weight ठीक है, height ठीक है, ढ़िकना ठीक है, फला ठीक है लेकिन शरीर का एक अंग काम नहीं करता है उसको स्वस्थ मानेंगे? नहीं मानेंगे। उसी प्रकार से हमारे देश में भी हर parameter पर देश एकदम से मानो developed country जैसा लगता हो लेकिन उसके अगर 2,4,10 जिलें, 2,4 ब्लॉक पीछे रह गए तो क्या लगेगा? और इसलिए जैसे एक मरीज को डॉक्टर जिस प्रकार से पूरे शरीर को address करके काम करता है, जैसे हम भी अपने शरीर की स्वस्थता का मतलब हर अंग का स्वस्थ होना मानते हैं, परिवार में भी अगर एक व्यक्ति बीमार होता है तो परिवार की पूरी शक्ति, परिवार का पूरा ध्यान, परिवार के सारे कार्यक्रम उसी के आस-पास केंद्रीत हो जाते हैं बाकी सारे कार्यक्रमों को compromise करना पड़ता हैं। कोई बीमार है बाहर जाना है तो रोकना पड़ता है, परिवार भी पूरा स्वस्थ होगा तब जाकर के परिवार अपने जीवन का विकास कर सकता है। वैसे ही अपना district, अपना गांव, अपना तहसील सर्वांगीण विकास, सर्वस्पर्शी विकास, सर्वहितकारी विकास ये अगर हम नहीं करते हैं तो आंकड़ें शायद बढ़ जाए, आंकड़ें शायद संतोष भी दें लेकिन मूलत: परिवर्तन संभव नहीं होता है। और इसलिए आवश्यक है कि grassroot level की हर parameters को पार करते हुए हमें आगे बढ़ना चाहिए। और हम आज इस summit के अंदर जो लोग मेरे साथ बैठे है, आप देख सकते हैं इसके पीछे क्या इरादा है। यहां पर भारत सरकार की top team भी बैठी हुई हैं, सारे सचिव यहां बैठे हुए हैं जो नीति निर्धारण काम करते हैं वो सब हैं। अब मेरे सामने 2 विषय है क्या मैं इनके पीछे शक्ति लगाकर के जो top है उसी का ठीकठाक कर? कि मैं धरातल पर मजबूती के लिए काम करू, मैंने रास्ता चुना है धरातल पर मजबूती का और धरातल की मजबूती से ये हमारा pyramid ऊपर जाएगा। विकास का जो सबसे नीचे का तबका है वो जितना ज्यादा विकसित होगा मैं समझता हूं उतना ज्यादा परिणाम मिलेगा। और इसलिए हमारी कोशिश यहीं है हम इस प्रकार से development को आगे बढाए, हमारी कोशिश ये होनी चाहिए। उसी प्रकार से जैसे कि हमने Development Block के लिए सोचा, मैं, सरकार के यहां सचिव बैठे हैं उनको भी आग्रह करता हूं। दो दिशा में और हम काम कर सकते हैं इस काम को आगे बढ़ाने के लिए हर विभाग अपने काम के लिए मान लीजिए पूरे देश में 100 Block identify करें। और उनको पूरी दुनिया देखने की जरूरत नहीं है, उनके विभाग में कौन से 100 Block हैं जो पीछे हैं। और अगर मानो Health को लगता है कि इस पूरे देश में 100 Block सबसे पीछे हैं तो भारत सरकार का Health विभाग उन 100 को स्थिति सुधारने के लिए क्या काम करना है उसकी रणनीति बनाएगा। शिक्षा विभाग अपने विभाग के लिए 100 Block चुने, शिक्षा विभाग के वो 100 Block हैं वो भारत सरकार का शिक्षा विभाग देखे कि मैंने जो 100 Block सबसे पीछे identify किए हैं, मैं इसको, हमें ये Aspirational District, Aspirational Block ये नीति आयोग का कार्यक्रम बनने नहीं देना है मुझे ये सरकार का स्वभाव बनाना है, केंद्र और राज्य सरकारों का स्वभाव बनाना है, केंद्र और राज्यों के विभागों को स्वभाव बनाना है। जब सब विभाग तय करें कि मेरे यहां last जो 100 हैं वो अब average से ऊपर चले गए हैं आप देखिए सारे parameters बदल जाएंगे। तो ये जो Aspirational Block है उसको काम करने का तरीका राज्य, district उनकी ईकाइयों के द्वारा होगा। लेकिन क्या देश में इस प्रकार से विचार कर-कर के हम इसको आगे बढ़ा सकते है? और मैं मानता हूं कि उस दिशा में हमें प्रयत्न करना चाहिए। और इस तरह से सारे विभागों में, अगर Skill Development है तो वो भी देखें कि हिन्दुस्तान के ऐसे कौन से 100 Block है कि जहां पर मुझे इसको बल देने की जरूरत है। उसी प्रकार से राज्य सरकारें, राज्य सरकारें ज्यादा नहीं सबसे पीछे जो है ऐसे 100 village select करें, पूरे राज्य में से 100, एक दम जो पीछे हैं, 100 गांव select करें उनको एक बार, 2 महीना, 3 महीना के काम के अंदर बाहर ले आए, उससे आपको पता चलेगा conversions कैसे होता है, वहां की समस्याओं का समाधान कैसे होता है, वहां पर अगर staff नहीं है, वहां पर recruitment की जरूरत है recruit करना है। वहां young अफसर को लगाने की जरूरत है तो young अफसर को लगाना है। अगर एक बार उनके सामने model हो गया कि उनके 100 village को उन्होंने एक महीने में ठीक कर लिया तो वो model उनके 1000 हजार गांवों को ठीक करने में देर नहीं करेगा, वो replica होगा, परिणाम मिलेगा। और इसलिए अब देश आजादी को 75 साल पूरे कर चुका है हम 2047 में देश को विकसित भारत के रूप में देखना चाहते हैं, developed country के रूप में देखना चाहते हैं। और developed country का मतलब ये नहीं है कि दिल्ली, मुंबई, चेन्नई के अंदर जहां भव्यता दिखे और हमारे गांव पीछे रह जाए हम उस model को लेकर चलते नहीं हैं, हम तो 140 करोड़ लोगों के भाग्य को लेकर चलना चाहते हैं। उनके जीवन को बदलाव करना चाहते हैं और उसके लिए जो parameter तय किए हैं और मैं चाहता हूं कि इसके बीच में competition का भाव आये। मैं तो जब Aspirational District को regularly देखता था मुझे इतनी खुशी होती थी। एक तो उसमें ऐसे ही चीजें भरने के लिए कोई सुविधा ही नहीं है। जब तक कि धरती पर verified information ना हो ऐसे ही आंकड़े भरने से कोई होने वाला काम नहीं है। ये तो करना ही पड़ता है ऐसा काम है। लेकिन मैं देख रहा था कि कुछ district के अफसर इतने उत्साहित थे कि हर दिन 2 दिन में, 3 दिन में वो अपने performance को upload करते थे, improve करते थे और फिर मैं देखता था पहले 6 महीने में लगता था आज ये district आगे निकल गया तो फिर 24-48 घंटे में पता चलता था ये तो पीछे रह गया वो उससे भी आगे चला गया तो फिर 72 घंटे में पता चलता था कि वो तो उससे भी आगे है। यानि इतना positive, competitive nature बन गया था, उसने परिणाम लाने में बहुत बड़ा बदलाव किया है और इससे सबसे बड़ा फायदा ये हुआ है कि पहले मेरा तो अनुभव है मैं गुजरात में काम करता था हमारे यहां कच्छ district में अगर किसी अफसर का transfer होता था तो उसके सारे colleague उसको कहते थे कि तेरा सरकार से झगड़ा है क्या? क्या मुख्यमंत्री जी तुझ से नाराज है क्या? क्या तुम्हारा political कोई problem है क्या? तुझे punishment posting क्यों दिया गया? उसके साथी उसको टाइट करते थे और वो भी मानने लगता था मैं मर गया। लेकिन जब उस कच्छ district में भूकंप के बाद अच्छे अफसरों को लगाने की जरूरत पड़ी, सबको incentive दिया गया, लाये गए (1.09.23) आज स्थिति ऐसी है गुजरात में कि कच्छ district में अगर appointment मिलती है तो ये सरकार का सबसे प्रिय अफसर माना जाएगा। यानि जो कल तक punishment posting वाली जगह मानी जाती थी वो एक प्रकार से सबसे सम्मानीय जगह बन जाए, ये संभव होता है। जो Aspirational District, आमतौर पर काफी आयु हो चुकी है, थक गए है, अरे चलो यार ये तो बेकार जिला है कुछ perform करता नहीं है रख दो उसे। हमने जब से Aspirational District में young अफसरों को लगाने के लिए कहा धमा-धम परिणाम आने लगे क्योंकि उनका उत्साह था, कुछ करना था और उनको भी लगता था 3 साल यहां करूंगा तो सरकार मुझे कोई बहुत अच्छा काम दे देगी और हुआ भी, Aspirational District में जिन लोगों ने काम किया उनको बहुत अच्छी जगह मिली बाद में।

Aspirational Block के लिए भी मैं राज्य सरकारों से आग्रह करूंगा और भारत सरकार के अधिकारी भी ध्यान दें कि जो Block के अंदर सफल हो रहे हैं ना आगे उनका भविष्य भी उज्जवल होना चाहिए, उन अफसरों का विशेष रूप से ताकि उनसे पास कुछ करने का जज्बा है, वो धरती पर परिणाम लाने वाले लोग है उन टीमों को आगे बढ़ाना चाहिए, specially उनको encourage करना चाहिए।

दूसरा आपने देखा होगा सरकार में एक परंपरा बन गई है। पहले अपने यहां output को ही एक प्रकार से काम माना जाता था, इतना बजट आया, वो बजट यहां गया, उसमें से इतना उधर गया, उसमें से उतना ईधर गया मतलब कि बजट खर्च हुआ। Output को ही हमारे यहां एक प्रकार से achievement माना जाता था। आपने देखा होगा कि 2014 के बाद हमने सरकार का Outcome Budget भी देना शुरू किया, Budget के साथ outcome का report देना शुरू किया और outcome के कारण qualitative change बहुत बड़ा आया है। हम भी अपने block में देखें कि मैं जिस योजना के लिए पैसे लगा रहा हूं, जिस योजना के लिए समय लगा रहा हूं, जिस योजना के लिए मेरे इतने अफसर काम में लगे हुए हैं, कोई outcome मिलता है कि नहीं मिलता है। और हमने उस outcome को पाने के लिए क्या करना चाहिए, साथियों जितना महत्व कुछ लोगों को लगता है पैसे होंगे तो काम होगा आप विश्वास कीजिए साथियों मेरा बहुत लंबा अनुभव है। सरकार चलाना इतना लंबा अनुभव बहुत कम लोगों को मिलता है जो मुझे मिला है और मैं अनुभव से कहता हूं कि सिर्फ बजट के कारण ही बदलाव आता है ऐसा नहीं है अगर हम संशाधनों को optimum utilization और दूसरा conversions इसको अगर हम ध्यान दें तो हम block के development के लिए एक नया पैसा आये बिना भी उस काम को कर सकते हैं। अब जैसे मान लीजिए MGNREGA का काम चल रहा है लेकिन क्या मैंने प्लान किया है कि वो MGNREGA का काम वही होगा जो मेरे development के design के साथ जुड़ेगा? मैं MGNREGA का काम वहीं करूंगा ताकि मुझे जो road की मिट्टी डालनी है उसी road की मिट्टी डलवा दूंगा तो मेरे road का आधा काम तो हा ही जाएगा, conversions हो गया। यानि जो conversions करते हैं, पानी है, मान लीजिए कुछ इलाके हैं जहां पानी की दिक्कत है और आपका साल में 3-4 महीना उस पानी के लिए ही मसक्कत करनी पड़ती है। लेकिन आपने अगर MGNREGA में तय किया उस इलाके में सबसे ज्यादा तालाब बनाने हैं, सबसे ज्यादा पानी storage करना है, mission mode में काम करना है तो आपको अगले साल जो 4 महीना सिर्फ पानी के लिए 25 गांव के पीछे बिगड़ते हैं, बंद हो जाएंगे, आपकी शक्ति बच जाएगी। Conversions बहुत बड़ी ताकत रखता है। और मैं मानता हूं कि good governance की पहली शर्त यहीं है कि हम संशाधनों का optimum utilization करें।

दूसरा एक अनुभव आया है और मैं अपने अनुभव से कहता हूं होता क्या है? बहुत स्वाभविक टीचर भी क्लास में, अगर inspection आने वाला है तो जो अच्छे हुनहार students होते हैं उनको थोड़ा tip देता है और वो कहते जब inspection में कोई सवाल पूछे तुम हाथ तुरंत ऊपर कर देना। मैं टीचरो वाला जानता हूं सब। बहुत स्वाभाविक है भई उसको जरा रोब जमाना है तो एक अच्छा लड़का हाथ ऊपर कर देगा। कहने का मेरा तात्पर्य है कि हम स्वभाव से जहां immediate result मिलता है उस में invest ज्यादा करते हैं। अगर मुझे सरकार में, मानो भारत सरकार में मुझे एक target पूर करना है और मुझे लगता है ये 6 राज्य है उनको कहेंगे तो हो जाएगा तो मैं उन 6 राज्यों पर ही ध्यान केंद्रीत करना हूं बाकी 12 राज्य जिसको जरूरत है, लेकिन क्योंकि उनका perform poor है तो मैं वो संशाधन उधर जाने नहीं देता और मैं एक मीठी चाय में और 2 चम्मच चीनी डाल देता हूं। होता क्या है कि जो develop हो चुके हैं, जो perform कर रहे हैं उनको इतना अधिक मिल जाता है वो संशाधनों को wastage होता है। अब देखिए आपके घर में एक जमाना था जब मैं पढ़ता था मेरे तो नसीब में वो नहीं था लेकिन मेरे साथियों को उनके मम्मी-पापा कहते थे कि तुम अगर 10वीं इतना नंबर लाओगे तो तुझे घड़ी लाकर देंगे, तुम 12वीं में इतना लाओगे तो भेंट करेंगे। मेरे समय में ऐसा था। आज किसी भी घर के कौने में हाथ डालो 3-4 घड़ी ऐसे ही मिल जाती हैं। कुछ घड़ी तो ऐसी होगी उनको 6 महीने से हाथ नहीं लगाया होगा लेकिन एक गरीब के घर में एक घड़ी होगी तो वो घड़ी 365 दिन लगाएगा और संभाल कर रखेगा। संशाधन जहां पड़ा हुआ है वहां extra देने से wastage है, जहां जरूरत देने से उसका अतिरिक्त उपयोग होता है। और इसलिए मैं मानता हूं कि हमारे संशाधनों का equal distribution और जहां need base है वहां विशेषतौर पर distribution ये आदत हम डालेंगे तो उनको एक ताकत मिलेगी और इस दिशा में हमे काम करना चाहिए। उसी प्रकार से आपने देखा होगा कोई भी काम करना है, हम ये भ्रम में है कि सरकार सबकुछ कर लेगी, ये पिछली शताब्दी की सोच है दोस्तों, सरकार ही सबकुछ कर लेगी इस सोच से हमें बाहर आना चाहिए। समाज की शक्ति बहुत बड़ी होती है, आप सरकार को कहो कि भई तुम रसोई घर चलाओ हमें मध्यान भोजन करना हो तो आखों से पानी निकल जाता है, लेकिन हमारे सरदार भाई-बहन लंगर चलाते हैं, लाखों लोग खाते हैं कभी थकान महसूस नहीं हुई, ये तो हो रहा है। समाज की एक शक्ति होती है, इस समाज की शक्ति को हम जोड़ते है क्या? जिन-जिन block में या जिले में leadership की समाज को जोड़ने की ताकत है, मेरा अनुभव है वहां परिणम जल्दी मिलता है।

ये स्व्च्छता का अभियान आज सफलता की दिशा में उस ने अपनी एक जगह बना ली है, क्या कारण है? क्या ये मोदी के कारण हो रहा है क्या? क्या ये 5-50 लोग झाडू लगाते हैं उसके कारण हो रहा है क्या? जी नहीं, समाज में एक वातावरण बना है कि अब गंदगी नहीं करेंगे और जब समाज तय करता है ना गंदगी नहीं करूंगा तो स्वच्छता करने की जरूरत ही नहीं पड़ती दोस्तों। जन भागीदारी ये बहुत अनिवार्य है और हमारे यहां leadership की एक बड़ी विकृत व्याख्या हो गई है कि जो लंबा कुर्ता-पजामा पहनकर के, खादी के कपड़े पहनकर आ जाए वहीं leader होता है। जीवन के हर क्षेत्र में leadership होती है। शिक्षा के क्षेत्र में leader चाहिए, agriculture sector में leader चाहिए और वो political लीडरों की जरूरत नहीं है जी। हमारे अफसर भी leader होते हैं, वे भी motivate करते हैं। हम block level पर leadership कैसे बनाए और ये जो संकल्प सप्ताह है ना उसमें एक-एक group बैठने वाले हैं उसको एक मकसद है team spirit। Team spirit, बनेगा तो leadership आएगी, team spirit बनेगा तो जन भागीदारी के नए-नए ideas आएंगे। आप ने देखा होगा कि कभी कोई natural calamity आती है, क्या सरकारी संशाधन उस natural calamity को handle कर सकते हैं? देखते ही देखते इतनी बड़ी मात्रा में लोग जुड़ जाते हैं कि देखते ही देखते समस्याओं को समाधान करने लग जाते हैं। लोग करने लग जाते हैं और उस समय हमें भी लगता है अरे वाह समाज ने इतनी बड़ी मदद कर दी मेरा काम हो गया। अफसर को भी लगता है यार अच्छा हो गया इन लोगों ने मदद कर दी मेरा काम हो गया।

जो भी grassroot level पर काम करते हैं उनको पता है कि इस प्रकार की जो समाज की शक्ति है उसको पहचानना, समाज की शक्ति को जोड़ना। हमारे स्कूल, कॉलेज अच्छे चलें। अगर परिवार के लोग जुड़ते हैं guardians जुड़ते हैं, parents आते हैं तो देखिए वो स्कूल कभी पीछे नहीं रहेगा। और इसके तरीके ढूंढने चाहिए। मैं हमेशा कहता हूं कि भई गांव का जन्म दिवस मनाइए, आपके यहां railway station है तो railway station का जन्मदिन ढूंढिए, record में मिल जाएगा उसका जन्मदिन मनाइए। आपके यहां स्कूल 80 साल पुरानी होगी, 90 साल पुरानी होगी, 100 साल पुरानी होगी उस स्कूल की जन्म तारीख निकालिए, और उस स्कूल में पढ़कर के गए हुए जितना जिंदा लोग हैं उनको एक बार इकट्ठा कीजिए।

जन भागीदारी के तरीके होते हैं, जन भागीदारी का मतलब ये नहीं कि तुम donation दे दो। अब जैसे कुपोषण है, आंगनवाड़ी में कुपोषण की समस्या अगर मुक्त करनी है तो क्या बजट से होगी, वो एक तरीका है लेकिन अगर मैं कहूं कि भई मेरे गांव के अंदर एक तिथि भोजन का कार्यक्रम करूंगा। उस तिथि भोजन के कार्यक्रम में किसी की जन्मजयंती है, किसी के माता-पिता की मृत्यु तिथि है, किसी की लग्न तिथि है तो मैं उनको कहूंगा देखिए अपने गांव में ये आंगनवाड़ी है 100 बच्चें हैं, आपका जन्मदिन है अगर आप घर में कुछ अच्छा खाना खाने वाले हो, करने वाले हो ऐसा करो इन 100 बच्चों के लिए आपके जन्मदिन के नीमित आप एक फल लेकर आइए सब बच्चों को एक-एक केला दे दीजिए। उसका जन्मदिन मन जाएगा और कहना है खुद आना है और खुद उन बच्चों को देना है तो सामाजिक न्याय भी होता है, समाज में जो दूरी होती है वो भी हट जाती है। और आपको साल में, गांव में 80-100 परिवार जरूर मिल जाएंगे जो स्कूल में आ कर, आंगनवाड़ी में आ कर उन बच्चों को बढ़िया चीज खिलाएंगे, seasonal जो चीज होगी, मान लीजिए खजूर आ गई वो कहेगा कि चलो भई आज मैं 2-2 piece लेकर के जाता हूं ये 100 बच्चें है जरा खिला कर आता हूं। जन भागीदारी है। सरकार का बजट में इतना बचाने का काम नहीं है। जन भागीदारी की ताकत में जब गुजरात में था मैंने तिथि भोजना का अभियान चलाया था और सारे धार्मिक कथागार वगैरा भी अपने भाषण में लोगों को आह्वान करते थे। करीब-करीब 80 दिन उस समय की मैं बात करता हूं अभी तो मुझे पता नहीं है, साल भर में 80 दिन ऐसे निकलते थे कि किसी न किसी परिवार का अच्छा अवसर वो स्कूल के बच्चों के साथ आकर के मनाते थे और बच्चों को बढ़िया खिलाते थे, कुपोषण के खिलाफ लड़ाई भी होती थी और ये खाना खिलाने का tension जो टिचर का रहता है वो भी मुक्ति हो गई थी। मेरे कहने का तात्पर्य ये है कि समस्याओं के समाधान में जन भागीदारी का सामर्थ्य बहुत बड़ा होता है। अगर हमें, मान लीजिए T.B., हमारे Block में अगर 10 भी T.B. के patient हैं और T.B. Mitra वाली जो योजना है हम इनको जोड़ लें और हम कहे कि भई आप इनको जरा हर हफ्ते फोन करते रहिए, आप जरा उनको पूछते रहिए 6 महीने में T.B. गायब हो जाएगा उसका। हम जितना लोगों को जानेंगे, शुरू में मेहनत पड़ती है जोड़ने में लेकिन बाद में शक्ति बन जाती है। आपने देखा होगा आज विश्व में भारत का नाम गूंज रहा है। आप भी अनुभव करते होंगे। अखबार में तो आता है कि मोदी के कारण हो रहा है, मोदी के कारण हो रहा है, मोदी सरकार की diplomacy बहुत बढ़िया है, ढिकाना है, फलाना है, मुझे भी ऐसा लगता है। लेकिन reality में एक कारण और भी है जिसकी तरफ लोगों का ध्यान नहीं जाता है, जो हमारा diaspora है। भारत से गए हुए लोग जो उस देश में रहते हैं, उनके अंदर जो सक्रियता आई है, उनके अंदर जो संगठित ताकत खड़ी हुई है, उनकी public life में जो भागीदारी बढ़ी है तो उन देशों के लोगों को भी लगता है कि यार ये बड़े उपयोगी लोग है और उसके कारण भारत उपयोगी लगने लगा। यानी जग भागीदारी की ताकत अगर विदेश नीति में काम आती है तो जन भागीदारी की ताकत मेरे Block में तो बड़ी आसानी से आ सकती है साथियों। और इसलिए मैं आपसे आग्रह करता हूं कि ये जो संकल्प सप्ताह है उसका maximum उपयोग कीजिए, खुले मन से चर्चा कीजिए, design workout कीजिए। उसी प्रकार से हमारे संशाधनों का उपयोग कीजिये। हमारे यहां क्या होता है एक Block में 8-10 शायद vehicle होते हैं, ज्यादा तो होते भी नहीं हैं और कुछ ही अफसरों के पास vehicle रहते हैं, अब दूर travel करने की जिम्मेदारी तो कई लोगों के पास है जिनके पास साधन नहीं होते हैं। मैंने गुजरात में एक प्रयोग किया था वो बड़ा सफल रहा अगर मान लीजिए एक Block में 100 गांव हैं तो मैंने 10 अफसरों को 10-10 गांव दे दिए। और मैंने कहा कि आप अपनी गाड़ी में जाएंगे तो इन 5 विभाग के जो junior अफसर है उन पांचों के junior अफसर को भी अपनी गाड़ी में बैठा लीजिए और एक महीने तक आप इन 10 गांवों की ही चिंता करें। सभी विषय आप चर्चा करेंगे आप भले agriculture विभाग के अधिकारी है लेकिन आप उस गांव में जाकर के शिक्षा की भी चर्चा करेंगे, खेती की भी चर्चा करेंगे, पानी की भी चर्चा करेंगे, पशुओं की भी चिंता करेंगे सारे। दूसरा, दूसरे 10 गांव में, तीसरा, तीसरे। वो महीने भर उसको 10 ही गांव रहते थे फिर एक महीने के बाद बदल देते थे। अनुभव ये आता था कि silos खत्म हो गए whole of the government approach आया और ये जो 10 अफसर थे अब सप्ताह में एक दिन बैठ कर अपने experience share करते थे कि भई उस इलाके में मैं गया था मेरा विभाग तो शिक्षा है लेकिन मैंने agriculture में ये चीज देखी। पानी के क्षेत्र में… उतनी ही संशाधनों का optimum utilization होता था। और परिणाम बहुत उत्तम आने लगे और 10 अफसर ऐसे थे जिनको उस Block की पूरी जानकारियां रहती थी। वो होगा agriculture लेकिन उसको शिक्षा का भी मालूम होता था, वो शिक्षा में था लेकिन उसको health का भी मालूम रहता था। मैं समझता हूं हमें अपनी strategy बदलनी चाहिए, अगर हम governance की हमारी strategy बदलते हैं और हम हमारे संशाधनों का भरपूर उपयोग, और आज communication की ताकत भी है और communication समस्या भी है। लगता है कि मैं video conferenceसे जानकारी ले लूंगा, मैं mobile से जानकारी ले लूंगा, physically जाने का जो लाभ है ना साथियों इसका कोई alternate नहीं है। जो आज मैं अभी आपके साथ बोलता हूं वो आप अपने गांव में रहे होते और हो सकता है मैं video conference में कुछ नया नहीं कहता ये ही कहता। लेकिन यहां आने के बाद आपसे आखों से आख मिलाने के बाद जो ताकत आती है ना वो video conference से नहीं आती है। और इसलिए हमारा physical जितनी जिम्मदारियां हैं, physically जाकर के करनी हैं उसमें कभी भी compromise नहीं करना चाहिए। हम जब उस स्थान पर जाते हैं, हमें उसकी ताकत की पहचान मिलती है ये जो Aspirational Block है आपको शायद पहली बार जब ये सप्ताह चलेगा तो पहले कभी नही ध्यान गया होगा आपके अपने साथियों के सामर्थ्य विषय में पहले पता नहीं होगा, कभी-कभी तो नाम भी पता नहीं होगा आपके ऑफिस में रोज मिलता होगा, नमस्ते भी हो जाती होगी नाम भी पता नहीं होगा। लेकिन ये जब एक सप्ताह आप साथ बैठेंगे, आपको उसकी शक्ति का परिचय होगा, उसकी विशेषताओं का परिचय होगा और वो ही हमारे team spirit के लिए बहुत अनिवार्य होता है। और जब एक team बन जाती है तो इच्छित परिणाम अपने आप मिल जाते हैं। और इसलिए साथियों मेरा आप सबसे आग्रह है कि हमें 3 महीने के भीतर-भीतर मान लीजिए आप एक 30 parameter में पीछे है, 5 parameter ऐसे तय कीजिए जिसमें हम पूरी तरह state की average से बाहर आ जाते हैं, कर लीजिए। तो आपका confidence बढ़ेगा यार 5 तो हो गए तो अब तो 10 हो सकते हैं। और इसलिए हम स्कूल में भी पढ़ते थे तो टीचर क्या पढ़ाते थे, जब exam में बैठते हो ना जो easy answer है वो पहले लिखों, ऐसा सिखाते थे। तो वो टीचर ने सिखाया हुआ अभी भी काम में आता है, आप भी आपके यहां जो सरल चीजें हैं वो तो सबसे पहले solve करे उसमें से बाहर निकल जाइए, तो अगर 40 चीजें है तेा 35 पर पहले आ जाइए। धीरे-धीरे करके एक-एक समस्या से निकलते जाएंगे आप देखते ही देखते आपका Block Aspirational में से औरो का aspiration बढ़ाने का aspiration बन जाएगा। वो अपने आप में एक inspiration बन जाएगा। और मैं मानता हूं कि हमारे 112 Districts जो कल तक Aspiration Distircts थे आज inspirational districts बन गए हैं, देखते ही देखते एक साल के भीतर-भीतर 500 Aspirational Blocks हैं जो 500 में से alteast 100 inspirational blocks बन जाएंगे। पूरे राज्य के लिए inspirational blocks बन जाएंगे। और इस काम को पूरा करिए। साथियों मुझे अच्छा लगा इस कार्यक्रम में आप सबसे बात करने का मौका मिला जो online मुझे सुन रहे हैं उनको भी मैं अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। हम mission mode में चलें और मैं विभागों के लोगों को भी कहता हूं कि आप 100 Blocks पूरे देश में से चयनित कीजिए और उनको भी समय सीमा में आप national average तक ले आइए। हर विभाग इस प्रकार से काम करें मैं नहीं मानता हूं grassroot level पर कही कोई काम छूट जाएगा। सारे काम 1-2 साल में पूरे हो जाएंगे। दोस्तों मैं अभी से आपको कहता हूं 2024 में हम फिर अक्टूबर-नवंबर में मिलेंगे, physically मिलेंगे और हम इसका लेखा-जोखा करेंगे और मैं उस समय यहां audience में बैठकर आप में से 10 लोगों के सफलता की बातें सुनना चाहूंगा और फिर मुझे जो कहना है वो मैं अगले साल 2024 अक्टूबर या नवंबर में आपसे बात करूंगा। तब तक के लिए मैं आपके काम के लिए ज्यादा आपका समय नहीं लेता हूं क्योंकि आपको Block को जल्दी आगे बढ़ाना है, तो मुझे अब आपका समय नहीं लेना चाहिए। बहुत-बहुत शुभकामनाएं, बहुत-बहुत धन्यवाद।

==============================================================

Aspirational Blocks Programme strives to enhance citizens' quality of life at the block level. Addressing the #SankalpSaptah. https://t.co/fpBLp3c4tY

— Narendra Modi (@narendramodi) September 30, 2023

मुझे पूरा विश्वास है कि टीम वर्क की ताकत से Aspirational District Programme की तरह ही Aspirational Block Programme भी कामयाबी का परचम लहराने वाला है। pic.twitter.com/pID6OTkdcI

— Narendra Modi (@narendramodi) September 30, 2023

आकांक्षी जिला कार्यक्रम से यह बात सिद्ध हो गई है कि अगर हम गुड गवर्नेंस की बेसिक चीजों पर फोकस करें तो कोई भी चुनौतीपूर्ण लक्ष्य आसानी से हासिल कर सकते हैं। pic.twitter.com/Mu4oqGpmwH

— Narendra Modi (@narendramodi) September 30, 2023

आकांक्षी जिलों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने में युवा अफसरों के जोश और जज्बे की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। ब्लॉक स्तर पर भी बेहतरीन परिणाम के लिए ये जरूरी है। pic.twitter.com/NWbcmMbxCK

— Narendra Modi (@narendramodi) September 30, 2023

2014 के बाद हमने सरकार के बजट के साथ आउटकम रिपोर्ट भी देनी शुरू की, जिससे देश में बहुत सारे Qualitative Changes आए हैं। ब्लॉक स्तर पर भी यह तरीका बहुत फायदेमंद हो सकता है। pic.twitter.com/xo2gJyqjHZ

— Narendra Modi (@narendramodi) September 30, 2023

बीते नौ वर्षों में हमने देखा है कि समस्याओं के समाधान में जनभागीदारी ने कितनी बड़ी भूमिका निभाई है। pic.twitter.com/Yl1Otz9y8a

— Narendra Modi (@narendramodi) September 30, 2023

===============================================================

JAI HIND

JAI BHARATHAM

VANDHE MADHARAM

BHARAT MATHA KI JAI.


===============================================================

###OPINION : PEOPLE OF BHARATHAM POSITIVE :

===============================================================


1. SANATANA DHARMA, OTHERWISE KNOWN AS HINDUISM IS ETERNAL, WHOLE UNIVERSE IS EXISTING IN THIS TRUTH

2.  EVER  EXISTING

3.  THERE IS NO SPACE FOR ADHARMA

4. ALL DEMONIC ELEMENTS DEMOLISHED BY DHARMA

5. SO NO QUESTION EVIL ASURIC DEMONIC FRAGMENT'S BARKING, THEY WILL BE   ULTIMATELY BURNED AND DESTROYED BY NATURE.

6. PURE CONSCIOUSNESS IS DIVINE AND SUPREME, ALL OTHERS MEANINGLESS

7. NATURE IS ABOVE ALL, EVER EXISTING, ALL OTHERS MEANINGLESS.

8. THE CONTENT OF SO CALLED HOLY BOOK IS NO HOLY AT ALL, AS IT PREACHES HATRED AND DESTRUCTION OF OTHER MANKIND, RELIGIOUS CONVERSIONS AND LIES OF UNCIVILIZED MATERIALS

9. CHRISTIANITY IS EQUALLY DEMONSTRATED CRUELTY, THE SO CALLED HOLY BOOK FULL OF LIES

10. BOTH  ARE NOT RELIGIONS BUT SAMPRADAYA (ILLITERATE MAN MADE, NOT BASED ON DHARMA

11. THE CULTURE OF BHARATHAM BASED ON UPANISHADS AND FULL OF  REALISATION TEXTS ARE PRODUCED BY GREAT RISHIS OF BHARATHAM

12. IN THIS MATERIALISTIC DESTRUCTIVE MINDED UNIVERSE, NO RELIGIONS COMPARABLE OR ABOVE SANATANA DHARMA OF BHARATHAM.


================================================================


Opinion : 

1. Congress, a donkey  party, its so called day dreaming stupid leader rahul vinci, rahul gandi, frequent visit to foriegn countries, to abuse PM of this Nation, and Sanatana Dharma -exeeded all limits this time, his party and his family to be "condemned" and kicked away from politics, people should awake and realise the danger.

2. Congress & Communists destroyed this holy Nation Sanatana Dharama, The imported stupid secularism degenerated this Nation Ancient Culture and Civilisation

3. Till 2014 nation was ruled by corrupt idiots,and all regions too, Dynasty rule dominated than Nation intrests.

4. Brushing away main stream population sides and muslims and christians become political parties vote banks.

5. Communists openly abused  our ancient culture, upanishads,Ramayana, Mahabharatham, Bhagavtham and daites.

6. The communists  next donkey group, latest stunt of America visit and the comedy programme namely kerala sabha!? these buggers detroyed Kerala in all and joining with radical islam soon they will be eliminated, people of Kerala get up from donkey thoughts, otherwise kerala shrink to extinct in all way

7. Communists are danger to our civilisation, their lunatic theories disappered through out the world, Time has come crush them, and eliminate them from our nation, they are danger to this holy nation.



================================================================


NOTE:

1. POLITICIANS ( THOSE IGNORANT AND DEMONIC NATURED) ARE NOT THE AUTHORITY TO OPEN THEIR UGLY FOUL MOUTH AND UTTER NONSENSE UPON SANATHANA DHARMAM.

2. THE NONSENSE COMMENDY ALLIANCE ARE NOT THE AUTHORITY ON SANATHA DHARAMAM.

3. DK,DMK. AIADMKA AND ALL NONSENSE POLITICIANS BEWARE YOU WILL BE AUTOMATICALLY  WASHED OUT SOON.

4. COMMUNISTS  AND CONGRESS ARE THE ENEMY TO MANKIND DESTROY THEM.

5.ALL SANATHANA DHARAMAM FOLLOWERS (WHICH EVER YOUR POLITICAL INTEREST BE :YOUR POLITICAL MINDSET) TAKE A OATH THAT YOU STAND AGAINST ALL EVIL MINDSET AGAINST SANATHANA DHARMAM!!!


================================================================

Comments

Popular posts from this blog

1.#Opinion: Friday 15, November 2024, 06:00. 3739. / 1. ##Narendra Modi: PM-NEWS UPDATES: AYUSH: Interactive Ayush Pavilion at the 49th India International Trade Fair Showcases Innovations in Health & Wellness: Posted On: 14 NOV 2024 6:49PM by PIB Delhi. / + 4 MORE

1.#Opinion: Tuesday 01, October 2024, 06:00. 3691./ 2. ##Narendra Modi: PM-MEWS UPDATES: PM’s address at the inauguration, dedication & laying of foundation stone of various projects in Maharashtra: 29 Sep, 2024Print News.//

.#Opinion: Monday 04, November 2024, 06:00. 3728./ 2. ##Narendra Modi: PM-NEWS UPDATES: Ministry of Micro,Small & Medium Enterprises: Honoring Artisans: PM Vishwakarma Yojana: Posted On: 04 NOV 2024 5:31PM by PIB Delhi.//