1.#Opinion: Tuesday 01, October 2024, 06:00. 3691./ 2. ##Narendra Modi: PM-MEWS UPDATES: PM’s address at the inauguration, dedication & laying of foundation stone of various projects in Maharashtra: 29 Sep, 2024Print News.//
1.#Opinion: Tuesday 01, October 2024, 06:00. 3691./
2. ##Narendra Modi: PM-MEWS UPDATES: PM’s address at the inauguration, dedication & laying of foundation stone of various projects in Maharashtra: 29 Sep, 2024Print News.//
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VIDEO: PM Modi inaugurates, dedicates & lays foundation stone of various projects in Maharashtra
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PM’s address at the inauguration, dedication & laying of foundation stone of various projects in Maharashtra
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नमस्कार।
महाराष्ट्र के गर्वनर सी. पी. राधाकृष्णन जी, महाराष्ट्र के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्रीमान एकनाथ शिंदे जी, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस जी, अजीत पवार जी, पुणे के सांसद और मंत्री परिषद के मेरे युवा साथी भाई मुरलीधर, केंद्र के अन्य मंत्री जो वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़़े हुए हैं, महाराष्ट्र के सभी वरिष्ठ मंत्रीगण भी मेरे सामने मुझे दिखाई दे रहे हैं, सांसदगण, विधायकगण, और इस कार्यक्रम से जुड़े सभी भाइयों एवं बहनों!
पुण्यातील माझ्या सर्व लाडक्या बहिणींना
आणि लाडक्या भावांना माझा नमस्कार।
दो दिन पहले मुझे कई बड़ी परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास के लिए पुणे आना था। लेकिन, भारी बारिश के चलते वो कार्यक्रम रद्द करना पड़ा। उसमें मेरा तो नुकसान है ही, क्योंकि पुणे के कण-कण में राष्ट्रभक्ति है, पुणे के कण-कण में समाजभक्ति है, ऐसे पुणे में आना वो अपने आप में ऊर्जावान बना देता है। तो मेरा तो बड़ा loss है कि मैं आज पुणे नहीं आ पा रहा हूं। लेकिन अब टेक्नोलॉजी के माध्यम से आप सभी के दर्शन करने का मुझे सौभाग्य मिला है। आज पुणे की ये धरती….भारत की महान विभूतियों की प्रेरणा भूमि, महाराष्ट्र के विकास के नए अध्याय की साक्षी बन रही है। अभी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से स्वारगेट सेक्शन रूट का लोकार्पण हुआ है। इस रूट पर भी अब मेट्रो चलना शुरू हो जाएगी। स्वारगेट-कात्रज सेक्शन का आज शिलान्यास भी हुआ है। आज ही हम सबके श्रदेह क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले मेमोरियल की नींव भी रखी गई है। पुणे शहर में Ease of Living बढ़ाने का हमारा जो सपना है, मुझे खुशी है कि हम उस दिशा में तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं।
भाइयों-बहनों,
आज भगवान विट्ठल के आशीर्वाद से उनके भक्तों को भी स्नेह उपहार मिला है। सोलापुर को सीधे एयर-कनेक्टिविटी से जोड़ने के लिए एयरपोर्ट को अपग्रेड करने का काम पूरा कर लिया गया है। यहां के टर्मिनल बिल्डिंग की क्षमता बढ़ाई गई है। यात्रियों के लिए नई सुविधाएं तैयार की गई हैं। इससे देश विदेश हर स्तर पर विठोबा के भक्तों को काफी सुविधा होगी। भगवान विट्ठल के दर्शन करने के लिए लोग अब सीधे सोलापुर पहुँच सकेंगे। यहां व्यापार, कारोबार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। मैं महाराष्ट्र के लोगों को, आप सबको इन सभी विकास कार्यों के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं।
साथियों,
आज महाराष्ट्र को नए संकल्पों के साथ बड़े लक्ष्यों की जरूरत है। इसके लिए हमें पुणे जैसे हमारे शहरों को प्रगति का, urban development का सेंटर बनाना जरूरी है। आज पुणे जिस गति से आगे बढ़ रहा है, यहाँ जनसंख्या का दबाव भी उतनी ही तेजी से बढ़ रहा है। पुणे की बढ़ती जनसंख्या शहर की स्पीड को कम न करे, बल्कि उसका सामर्थ्य बढ़ाए, इसके लिए हमें अभी से कदम उठाने की जरूरत है। ये तब होगा, जब पुणे का पब्लिक ट्रांसपोर्ट आधुनिक होगा, ये तब होगा, जब शहर का विस्तार तो हो लेकिन एक क्षेत्र की दूसरे से कनेक्टिविटी बेहतरीन रहे। आज महायुति की सरकार, इसी सोच और अप्रोच के साथ दिन-रात काम कर रही है।
साथियों,
पुणे की आधुनिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बहुत पहले से काम किए जाने की जरूरत थी। पुणे में मेट्रो जैसा advanced ट्रांसपोर्ट सिस्टम बहुत पहले आ जाना चाहिए था। लेकिन दुर्भाग्य से, बीते दशकों में हमारे देश के शहरी विकास में प्लानिंग और विज़न दोनों का अभाव रहा। अगर कोई योजना चर्चा में आती भी थी, तो उसकी फ़ाइल ही कई-कई वर्षों तक अटकी रहती थी। अगर कोई योजना बन भी गई, तो भी एक-एक प्रोजेक्ट कई-कई दशकों तक लटका रहता था। उस पुराने वर्क कल्चर का बहुत बड़ा नुकसान हमारे देश को, महाराष्ट्र को और पुणे को भी हुआ। आप याद करिए, पुणे में मेट्रो बनाने की बात सबसे पहले 2008 में शुरू हुई थी। लेकिन, 2016 में इसकी आधारशिला तब रखी गई जब हमारी सरकार ने अड़चनों को हटाकर तेजी से निर्णय़ लेना शुरू किया। और आज देखिए…आज पुणे मेट्रो रफ्तार भी भर रही है और उसका विस्तार भी हो रहा है।
आज भी, एक ओर हमने पुराने काम का लोकार्पण किया है, तो साथ ही स्वारगेट सें कात्रज लाइन का शिलान्यास भी किया है। इसी साल मार्च में मैंने रूबी हाल क्लीनिक से रामवाड़ी तक मेट्रो सेवा का लोकार्पण भी किया था। 2016 से अब तक, इन 7-8 वर्षों में पुणे मेट्रो का ये विस्तार….इतने रूट्स पर काम की ये प्रगति और नए शिलान्यास….अगर पुरानी सोच और कार्यपद्धति होती तो इनमें से कोई भी काम पूरे नहीं हो पाते…पिछली सरकार तो 8 साल में मेट्रो का एक पिलर भी खड़ा नहीं कर पाई थी। जबकि हमारी सरकार ने पुणे में मेट्रो का आधुनिक नेटवर्क तैयार कर दिया है।
साथियों,
राज्य की प्रगति के लिए विकास को प्राथमिकता देने वाली सरकार की निरंतरता जरूरी होती है। जब-जब इसमें रुकावट आती है, तो महाराष्ट्र को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। आप देखिए, मेट्रो से जुड़े प्रोजेक्ट्स हों, मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन हो, या किसानों के लिए सिंचाई से जुड़े कई महत्वपूर्ण काम हों, डबल इंजन सरकार से पहले महाराष्ट्र के विकास के लिए जरूरी ऐसे कितने ही प्रोजेक्ट्स डिरेल हो गए थे। इसी का एक और उदाहरण है- बिडकिन इंडस्ट्रियल एरिया! हमारी सरकार के समय मेरे मित्र देवेन्द्र जी ने ऑरिक सिटी की संकल्पना रखी थी। उन्होंने दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल कॉरिडॉर पर शिंद्रा-बिडकीन इंडस्ट्रीयल एरिया की नींव रखी थी। National Industrial Corridor Development Programme के तहत इस पर काम होना था। लेकिन, बीच में ये काम भी ठप्प हो गया था। अब शिंदे जी के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार ने उन अड़चनों को भी हटाने का काम किया है। आज यहाँ बिडकिन इंडस्ट्रियल नोड को भी राष्ट्र को समर्पित किया गया है। छत्रपति संभाजी नगर में लगभग 8 हजार एकड़ में बिडकिन इंडस्ट्रियल एरिया का विस्तार होगा। कई बड़े-बड़े उद्योगों के लिए यहाँ जमीन allot हो गई है। इससे यहाँ हजारों करोड़ का निवेश आएगा। इससे हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा। निवेश से नौकरी पैदा करने का ये मंत्र, आज महाराष्ट्र में युवाओं की बड़ी ताकत बन रहा है।
विकसित भारत के शिखर पर पहुंचने के लिए हमें कई पड़ाव पार करने हैं। भारत आधुनिक हो…भारत का modernization भी हो…लेकिन हमारे मूलभूत मूल्यों के आधार पर हो। भारत विकसित भी हो…विकास भी करे और विरासत को भी गर्व के साथ लेकर आगे बढ़े। भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर आधुनिक हो…और ये भारत की आवश्यकताओं और भारत की प्राथमिकताओं के आधार पर हो। भारत का समाज एक मन, एक लक्ष्य के साथ तेज गति से आगे बढ़े। इन सारी बातों को ध्यान में रखकर हमें आगे चलना ही है।
महाराष्ट्र के लिए भी जितना जरूरी future ready इंफ्रास्ट्रक्चर है, उतना ही जरूरी है कि विकास का लाभ हर वर्ग तक पहुंचे। ये तब होगा, जब देश के विकास में हर वर्ग, हर समाज की भागीदारी होगी। ये तब होगा, जब विकसित भारत के संकल्प का नेतृत्व देश की महिलाएं करेंगी। समाज में बदलाव की ज़िम्मेदारी जब महिलाएं उठाती हैं, तो क्या कुछ हो सकता है, महाराष्ट्र की धरती तो इसकी साक्षी रही है। इसी धरती ने और इस धरती से सावित्रीबाई फुले ने महिलाओं की शिक्षा के लिए इतना बड़ा आंदोलन शुरू किया था। यहाँ बहन-बेटियों के लिए पहला स्कूल खोला गया था। इसकी स्मृति को, इस विरासत को संजो कर रखना जरूरी है। आज मैंने देश के उसी प्रथम गर्ल्स स्कूल में सावित्री बाई फुले मेमोरियल की आधारशिला रखी है। मुझे खुशी है कि इस मेमोरियल में एक स्किल डवलपमेंट सेंटर, library और दूसरी जरूरी सुविधाओं का निर्माण भी किया जा रहा है। ये मेमोरियल सामाजिक चेतना के उस जन-आंदोलन की स्मृतियों को जीवंत करेगा। ये मेमोरियल हमारे समाज को, हमारी नई पीढ़ी को प्रेरणा देगा।
भाइयों और बहनों,
आज़ादी के पहले देश में जो सामाजिक हालात थे, जो गरीबी और भेदभाव था, उन हालातों में हमारी बेटियों के लिए शिक्षा बहुत मुश्किल थी। सावित्रीबाई फुले जैसी विभूतियों ने बेटियों के बंद शिक्षा के दरवाजों को खोला। लेकिन, आज़ादी के बाद भी देश उस पुरानी मानसिकता से पूरी तरह मुक्त नहीं हुआ। कितने ही क्षेत्रों में पिछली सरकारों ने महिलाओं की एंट्री बंद करके रखी थी। स्कूलों में शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव था। इसके कारण, स्कूल होने के बावजूद भी स्कूलों के दरवाजे बेटियों के लिए बंद थे। जैसे ही बच्चियाँ थोड़ी बड़ी होती थीं, उन्हें स्कूल छोड़ना पड़ता था। सैनिक स्कूलों में तो बेटियों के एड्मिशन पर रोक थी। सेना में ज़्यादातर कार्यक्षेत्रों में महिलाओं की नियुक्ति पर रोक थी। इसी तरह, कितनी ही महिलाओं को pregnancy के दौरान नौकरी छोड़नी पड़ती थी। हमने पुरानी सरकारों की उन पुरानी मानसिकताओं को बदला, पुरानी व्यवस्थाओं को बदला। हमने स्वच्छ भारत अभियान चलाया। उसका सबसे बड़ा फायदा देश की बेटियों को, हमारी माताओं-बहनों को हुआ। उन्हें खुले में शौच से छुटकारा मिला। स्कूलों में बनाए गए शौचालयों के कारण और बेटियों के लिए अलग शौचालयों के कारण बेटियों का ड्रॉप आउट रेट कम हुआ। हमने आर्मी स्कूल्स के साथ-साथ सेना में तमाम पदों को महिलाओं के लिए खोल दिया। हमने महिला सुरक्षा पर कड़े कानून बनाए। और इस सबके साथ, देश ने नारीशक्ति वंदन अधिनियम के जरिए लोकतंत्र में महिलाओं के नेतृत्व की गारंटी भी दी है।
साथियों,
“हमारी बेटियों के लिए जब हर क्षेत्र के दरवाजे खुले, तभी हमारे देश के विकास के असली दरवाजे खुल पाए।” मुझे विश्वास है, सावित्रीबाई फुले मेमोरियल हमारे इन संकल्पों को, महिला सशक्तिकरण के हमारे इस अभियान को और ऊर्जा देगा।
साथियों,
मुझे भरोसा है, महाराष्ट्र की प्रेरणाएँ, महाराष्ट्र की ये धरती हमेशा की तरह देश का मार्गदर्शन करती रहेगी। हम सब मिलकर ‘विकसित महाराष्ट्र, विकसित भारत’ का ये लक्ष्य पूरा करेंगे। इसी विश्वास के साथ, आप सभी को एक बार फिर इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए हार्दिक बधाई देता हूं। आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं।
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