1.#Opinion: Tuesday, 31 Oct 2023 06:00. 3311 // 1. #PMINDIA: News Updates: PM’s speech at the launch of various development initiatives in Mehsana, Gujarat: 30 Oct 2023: Print News. ///
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1.#Opinion: Tuesday, 31 Oct 2023 06:00. 3311 //
1. #PMINDIA: News Updates: PM’s speech at the launch of various development initiatives in Mehsana, Gujarat: 30 Oct 2023: Print News. ///
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VIDEO: PM Modi's speech at launch of development initiatives in Mehsana, Gujarat
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#PM’s speech at the launch of various development initiatives in Mehsana, Gujarat
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भारतमाता की जय,
भारत माता की जय,
क्या हुआ, जरा इतनी जोर से बोलिए कि आपकी आवाज़ अंबाजी तक पहुंचे।
भारत माता की जय,
भारत माता की जय,
मंच पर विराजमान गुजरात के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्रीमान भूपेन्द्र भाई, अन्य सभी मंत्रीगण, संसद में मेरे साथी और गुजरात भाजपा के अध्यक्ष भाई सी.आर.पाटिल, अन्य सभी सांसदगण और विधायकगण। तहसील पंचायत और जिला पंचायत के सभी सदस्य और विशाल संख्या में आए हुए मेरे प्रिय गुजरात के परिवारजन।
कैसा है अपना खाखरिया टप्पा, पहले तो मैं गुजरात के मुख्यमंत्री जी का और सरकार का आभारी हूं कि मुझे आपके बीच में आकर के दर्शन करने का यहां मौका मिला है। स्कूल समय के कितने मित्रों के चेहरे दिख रहे थे मुझे, मेरे लिए यह सौभाग्य का क्षण था। आप सभी के निकट आकर आप सभी के दर्शन करना, घर आंगन में आने पर पुराने सारे स्मरण भी तरोताजा हो जाते हैं, जिस धरती और जिन लोगों ने मुझे बनाया है, उसका ऋण स्वीकार करने का जब भी मुझे मौका मिलता है, मन को संतोष मिलता है। इसलिए एक प्रकार से आज यह मेरी मुलाकात ऋण स्वीकार करने का मेरे लिए अवसर है। आज 30 अक्टूबर और कल 31 अक्टूबर, यह दोनों दिन हम सबके लिए बहुत ही प्रेरक दिन हैं, आज आजादी के जंग में आदिवासियों को जिन्होंने नेतृत्व दिया और अंग्रेजों के दांत खट्टे किए थे, ऐसे गोविन्द गुरुजी की पुण्यतिथी है। और कल सरदार वल्लभभाई पटेल की जन्म जयंती है। हमारी पीढ़ी ने दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सरदार साहब को सही अर्थ में बहुत ही ऊँचाई वाली श्रद्धा हमने व्यक्त की है और आने वाली पीढ़ी भी जब सरदार साहब की मूर्ती देखेगी तब उनका सर झुकेगा नहीं, उनका सर ऊपर ही होगा। सरदार साहब के चरणों मे खड़ा हुआ एक-एक व्यक्ति सर ऊपर करेगा, सर झुकाएगा नहीं ऐसा काम वहां हुआ है। गुरु गोविन्दजी का पूरा जीवन मां भारती की आजादी के लिए संघर्ष में और आदिवासी समाज की सेवा में, सेवा और राष्ट्रभक्ति इतनी तीव्र थी कि बलिदानियों की परंपरा खड़ी कर दी थी। और खुद बलिदानियों के प्रतीक बन गए, मुझे आनंद है कि मेरी सरकार ने गत वर्षो में गुरू गोविन्दजी की स्मृति में मानगढ़ धाम जो मध्यप्रदेश- गुजरात के आदिवासी पट्टे के क्षेत्र में है, उसे राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित कर उसे बहुत बड़े अवसर के रूप में मनाते हैं।
मेरे प्रिय परिवारजनों,
यहां आने से पहले मां अंबे के चरणों में मुझे आशीर्वाद लेने का अवसर मिला, मुझे आनंद हुआ, अंबे मां की रौनक देखकर, अंबे मां के स्थान की रौनक देखकर, मैंने तो सुना है कि गत सप्ताह से आप सफाई में लगे हुए थे। खेरालु कहो कि अंबाजी कहो, यह स्वच्छता के अभियान में आपने जो काम किया है, उसके लिए आपको और सरकार के साथियों को भी अभिनंदन देता हूं। मां अंबे का आशीर्वाद हमेशा हमारे ऊपर बना रहे, वहां जिस प्रकार गब्बर पर्वत का विकास हो रहा है, जो भव्यता दिख रही है, और कल मैंने मन की बात में भी उसका उल्लेख किया था। सचमुच अभूतपूर्व कार्य हो रहा है। मां अंबे का आशीर्वाद और उसके साथ ही आज लगभग 6 हजार करोड़ रुपये के विकास परियोजना के कार्यों का लोकार्पण का आज यहां मौका मिला है। यह परियोजना, यह सभी प्रकल्प किसानों के भाग्य को मजबूती देने वाला है। समग्र उत्तर गुजरात के विकास के लिए देश के साथ जोड़ने के लिए कनेक्टिविटी का बहुत अच्छा प्रयोग है। हमारे मेहसाणा के आसपास जितने भी जिले हैं, चाहे पाटण हो, बनासकाँठा हो, साबरकांठा हो, महिसागर, खेड़ा, अहमदाबाद, गांधीनगर हो, इतना बड़ा खजाना है विकास के कामों का। इतने सारे लोगों की खुशी के लिए तेज गति से कामों की वजह से सीधा-सीधा फायदा इस क्षेत्र के विकास को मिलने वाला है। विकास के कार्यों के लिए गुजरात के लोगों को बहुत-बहुत अभिनंदन देना चाहता हूं।
मेरे प्रिय परिवारजनों,
भारत के विकास की चर्चा आज पूरी दुनिया में हो रही है। हो रही है कि नहीं हो रही, जरा जोर से बोलिए। समग्र दुनिया में भारत के विकास की चर्चा हो रही है कि नहीं हो रही। और आपने देखा होगा अभी हमारे भारत ने चंद्रयान को चंद्रमा पर पहुंचाया। गांव का आदमी हो जो स्कूल भी ना गया हो, 80-90 साल हो चुके हों उसे ऐसा लगता है कि भारत ने बहुत बड़ा काम किया है, और भारत को चांद तक पहुंचा दिया। दुनिया के देशों में कोई भी वहां पहुंचा नहीं, जहाँ हमारा भारत पहुंचा है भाई। जी-20 की दुनिया के लोगों में शायद ही इतनी चर्चा नहीं हुई होगी, जितना भारत के कारण जी-20 की चर्चा हुई। कोई व्यक्ति ऐसा नहीं होगा कि जिसे जी-20 पता नहीं होगा, क्रिकेट में 20-20 के बारे में पता नहीं होगा, परंतु जी-20 के बारे में पता हो ऐसा वातावरण बन गया। जी-20 में विश्व के नेता भारत के कोने-कोने में गए, और अंत में दिल्ली में भी भारत का वैभव और भारत के लोगों की क्षमता देखी, दुनिया चकित हो गई दोस्तों, विश्वभर के नेताओं का भारत के लिए उनके मन में कौतुहल जागने लगा। भारत का सामर्थ्य और उनकी क्षमता का परिचय समग्र दुनिया को दिख रहा है। भारत में आज एक से बढ़कर एक आधुनिक इन्फ्रास्ट्क्चर का निर्माण हो रहा है। रोड, रेल या फिर एयरपोर्ट हो, आज जितना भी निवेश भारत के कोने-कोने, गुजरात के कोने-कोने में हो रहा है। आज से वर्षों पहले इसका नामोनिशान नहीं था दोस्तों। आज इतना बड़ा काम हो रहा है, परंतु भाइयों-बहनों एक बात आप बहुत अच्छी तरह से जानते हो, कि विकास के जो बड़े-बड़े काम हो रहे हैं, हिम्मत से जो निर्णय लिए जा रहे हैं और गुजरात जो तेज गति से आगे बढ़ रहा है, उसमें गत समय में मजबूती से काम किया गया है। और आपको पता है कि आपके नरेन्द्र भाई, आपको ऐसा नहीं लगा होगा कि प्रधानमंत्री आए हैं। आपको ऐसा ही लगेगा कि अपने नरेन्द्र भाई आए हैं। इससे बेहतर और क्या हो सकता है भाई, और नरेन्द्र भाई को आप पहचानते हो, कि वह एक बार संकल्प ले लें तो पूरा करके ही रहते हैं। और आप सभी मुझे अच्छी तरह से जानते हो कि, आज जो देश में तेजी से विकास हो रहा, आज जो दुनिया में वाहवाही और चर्चा हो रही है। उसकी जड़ में कौन सी ताकत है पता है, आज दुनिया में जय-जयकार हो रही है उसके मूल में कौन सी ताकत है भाई, इस देश के कोटि-कोटि जनों की ताकत है। जिन्होंने देश में स्थिर सरकार बनाई। और हम तो गुजरात के अनुभवी हैं, लंबे समय से गुजरात में स्थिर सरकार होने के कारण पूर्ण बहुमत की सरकार होने के कारण हम एक के बाद एक निर्णय कर सके हैं और उसका फायदा भी गुजरात को हुआ है। जहां कुदरती संसाधनों की कमी हो, वहां अगर कोई अपनी पुत्री देना हो तो 100 बार विचार करता था, पानी के संकट से जूझता यह क्षेत्र, वह आज विकास के पथ पर अग्रसर है। उसके मूल में ताकत है। एक जमाना था घूम फिर कर एक डेरी, उसके अलावा हमारे पास कुछ नहीं था। और आज तो हमारे चारों तरफ विकास के नए-नए क्षेत्रों, उस समय पीने के पानी की समस्या थी। न हीं सिंचाई का पानी था, लगभग पूरे उत्तर गुजरात का बड़ा क्षेत्र डार्क जोन में फंसा हुआ था। और उसमें पानी भी नीचे, हजार-बारह सौ फुट नीचे, ट्युबवेल भी बंद हो जाए ऐसी दशा थी, बार-बार ट्युबवेल डालनी पड़े और बार-बार मोटर भी बिगड़ जाए। अनेक मुसीबतों में जीते थे, इन मुसीबतों से हम सब बाहर आए हैं। पहले किसानों को एक फसल मुश्किल से मिलती थी। आज दो-दो, तीन-तीन की गारन्टी हो गई है मित्रों। इस परिस्थिति में हमने संकल्प लिया कि उत्तर गुजरात का जीवन बदलेंगे। उत्तर गुजरात का कायाकल्प करेंगे, दरिया का विस्तार करेंगे और आदिवासी क्षेत्र का कायाकल्प करेंगे। और उसमें एक काम बड़ा किया और कनेक्टिविटी पर जोर दिया। पानी की बात हो, सप्लाई हो, सिंचाई हो उस पर जोर दिया। खेती के विकास के लिए पूरी ताकत लगाई। उसके कारण अब धीरे-धीरे गुजरात औद्योगिक विकास की तरफ बढ़ा है। और हमारा लक्ष्य था कि उत्तर गुजरात में यहां के लोगों को यहीं रोजगार मिले। नहीं तो मैं जब पढ़ता था, कोई भी गांव में किसी को भी पूछो क्या करते हो, तो कहता था मैं शिक्षक हूं। पुछा जाता था तो कहते थे कि कच्छ में नौकरी करता हूं। बड़े भागों के गांवो में से दो-पांच, दो-पांच शिक्षक गुजरात के किनारे कहीं नौकरी करने जाते थे। क्योंकि यहां रोजगार नहीं था, आज उद्योग का झंडा फहरा रहा है। नर्मदा का पानी, मही का पानी जो समुद्र में जाता था, अब अपने खेतों में पहुंचा है। मां नर्मदा का नाम लेते ही पवित्रता मिलती है, आज मां नर्मदा अपने घर घर पहुंची है। आज 20-25 साल का जो नव युवा है ना उसे तो शायद पता ही नहीं होगा कि उसके मां-बाप ने कितनी मुसीबतों में जिंदगी निकाली है। आज उसे कोई मुसीबत देखने को ना मिले ऐसा गुजरात हमने बनाया है। सुजलाम-सुफलाम योजना और आज मैं उत्तर गुजरात के किसानों का बार-बार आभार मानता हूं कि उन्होनें एक ही बार में सुजलाम-सुफलाम के लिए जमीन दी थी। लगभग 500 किलोमीटर केनाल, एक भी कोर्ट कचहरी नहीं हुई। जमीन लोगों ने दी कच्ची केनाल बन गई, पानी उतरने लगा और पानी का स्तर ऊपर आने लगा। साबरमती का ज्यादा से ज्यादा पानी इस क्षेत्र के लोगों को मिले ऐसी व्यवस्था की गई है। छह बैराज हमने बनाये, उसके लिए हमने काम किया और आज एक बैराज के लोकार्पण का भी काम हुआ है। इसका बड़ा फायदा अपने किसान भाइयों और सैकड़ों गांवों को होने वाला है।
मेरे परिवारजनों,
सिंचाई की इन योजनाओं का तो काम हुआ ही है, पर उसमें 20-22 साल में उत्तर गुजरात के सिंचाई का दायरा लगभग अनेक गुना बढ़ गया है। और मुझे तो खुशी है कि जब मैं शुरुआत में उत्तर गुजरात के लोगों को कहता कि हमें टपक (स्प्रिंकल) सिंचाई करनी पड़ेगी तो सब मेरे बाल खिंचते थे, गुस्सा करते थे, कहते थे साहब इसमें क्या होगा। अब मेरे उत्तर गुजरात का एक-एक जिला टपक (स्प्रिंकल) सिंचाई, लघु सिंचाई और नई टेक्निक अपनाने लगा और इसके कारण उत्तर गुजरात के किसानों की अनेक प्रकार की फसलों की संभावना बनी है। आज बनासकाँठा में लगभग 70 टका जितना हिस्सा लघु सिंचाई वाला बन गया है। इतनी ही सिंचाई और नई टेक्नोलॉजी के कारण जो मदद मिली है, उसका लाभ पूरे अपने गुजरात के सूखे क्षेत्र को भी मिल रहा है। जहां कभी किसान मुश्किलों में जीता था, मुश्किलों में फसल उगाता था, वह आज गेंहू, अरंड, चना की इसमें से थोड़ा-थोड़ा उगाकर उसमें से बाहर आकर अनेक नई फसलों की तरफ बढ़ा है। और रवि फसल उगाने लगा है, और अपने तो सौंफ, जीरा, इसबगोल का जय जयकार चारों तरफ है भाई। इसबगोल आपको याद होगा, कोविड के बाद दो चीजों की दुनिया में चर्चा हुई थी, एक अपनी हल्दी और दूसरा अपना इसबगोल आज दुनियाभर में इसकी चर्चा है। आज 90 प्रतिशत इसबगोल, उसका प्रोसेसिंग उत्तर गुजरात में होता है। और विदेशों में भी इसबगोल का गुणगाना गाया जा रहा है। लोगों में इसबगोल का उपयोग बढ़ रहा है। आज उत्तर गुजरात फल, सब्जी, आलू इन सबके उत्पादन में आगे बढ़ रहा है। आलू हो, गाजर हो, यहां तक की आम, आंवला, अनार,अमरुद, नींबू क्या क्या नहीं हो रहा। एक काम जो जड़ से करे ना तो पीढ़ियां तर जाती हैं, ऐसे काम हमने किये हैं। और उसके कारण हम भव्य जिंदगी जी रहे हैं। और उत्तर गुजरात के आलू तो दुनियाभर में फेमस हो रहे है। मैं जब यहां था तब केन्द्र की कंपनियां आती थी पूछने के लिए, आज एक्सपोर्ट क्वालिटी के आलू अपने उत्तर गुजरात में बनने लगे हैं। फ्रेन्च फ्राईस उसके प्रोडक्ट आज विदेश में जाने लगे हैं। आज डिसा के आलू, ओर्गेनिक फार्मिंग उसके हब के रूप में विकसित हो रहे हैं। और उसकी विशेष मांग हो रही है। बनासकांठा में आलू की प्रोसेसिंग के बड़े-बड़े प्लांट लगे हुए हैं, जिसका लाभ हमारे आलू उगाने वाले रेती वाले जमीन में से सोना पकाने का काम हुआ है। महेसाणा में ऐग्रो फूड पार्क बना, अब बनासकांठा में भी मेगा फूड पार्क बनाने का काम हम आगे बढ़ा रहे हैं।
मेरे परिवारजनों,
इस उत्तर गुजरात में मेरी माता-बहनों को सिर पर पानी के घड़े लेकर 5-10 किलोमीटर जाना पड़ता था। आज घर में नल से जल आने लगा, मेरी माता-बहनों का जितना आशीर्वाद मिले, और मुझे तो माता-बहनों का आशीर्वाद हमेशा ही रहा, और सिर्फ गुजरात नहीं, हिंदुस्तान के कोने-कोने में से माता-बहनों का जो आशीर्वाद मिला है ना उसकी कल्पना भी मैं नहीं कर सकता, कारण कि पानी जैसी मूलभूत सुविधा, शौचालय जैसी सुविधा, जलक्रांति का जो अभियान आगे बढ़ाया है। बहनों के नेतृत्व में यह व्यवस्था विकसित हुई है। घर-घर पानी, पानी के संरक्षण का अभियान, इसे भी हमने बल दिया है। जिसके कारण गुजरात के घरों में पानी पहुंचाया, हिंदुस्तान के घरों में पानी पहुंचाने का काम चल रहा है। हर घर जल अभियान, हमारा आदिवासी क्षेत्र हो, टेकरीयां हो, छोटी-छोटी पर्वतमाला हो, करोड़ों लोगों के जीवन को बदलने का काम हुआ है।
मेरे प्रिय परिवारजनों,
अपनी बहनों की बहुत बड़ी भागीदारी डेयरी सेक्टर में है, ऐसा कहुं कि अपने गुजरात की डेयरियों का संचालन ही मेरी माता-बहनों के परिश्रम से हो रहा है, और डेयरी सेक्टर के विकास के कारण आज घर की इनकम में स्थिरता आई है, जिसमें मेरी माताओं-बहनों का बहुत बड़ा योगदान है। कुछ नहीं बना हो, परंतु 50 लाख करोड़ के दूध का व्यापार सरलता से करती हो ऐसी मेरी माता- बहनों की ताकत है। गत वर्ष उत्तर गुजरात में सैकड़ों नए पशु अस्पताल बनाये गए हैं, उसका कारण है हम उसकी ताकत समझते है। पशुओं की तबियत अच्छी रहे, अच्छे से अच्छी सेवा मिले और हमारे पशुओं की दूध उत्पादकता बढ़े उसकी ओर हम ध्यान कर रहे हैं। दो पशुओं से जितना दूध मिलता हो उसके लिए चार पशु रखने की जरुरत ना हो इस तरह हम आगे बढ़ रहे हैं। गत दो दशको में गुजरात में 800 से ज्यादा नई ग्राम डेयरी की सहकारी समिति हमने बनाई है। आज बनास डेयरी, दूधसागर डेयरी, साबर डेयरी हो, इसका अभूतपूर्व विस्तार हो रहा है। और देश और विदेश में से लोग अपना यह डेयरी का मॉडल देखने आते हैं। दूध के साथ-साथ किसानों को अन्य उपज मिले उसके लिए भी हमने प्रोसेसिंग के बडे केन्द्र खड़े किए हैं।
मेरे परिवारजनों,
डेयरी सेक्टर के किसान तो जानते हैं, पशु उनके लिए कितना बड़ा धन है, और किसानों का जो पशुधन है ना उसकी रक्षा के लिए आपको जैसे कोविड में ये मोदी साहब ने वैक्सीन भेजी न मुफ्त में एक-एक की जिंदगी बचाई ना। यह आपके पुत्र ने काम किया है, मात्र लोगों का नहीं हम पशुओं का भी वैक्सीनेशन कर रहे हैं। और लगभग 15 हजार करोड़ रुपये में पशुओं का मुफ्त में वैक्सीन अभियान चल रहा है। यहां विशाल संख्या में मेरे किसान और पशुपालक हैं, उनसे विनती है कि यह टीकाकरण आपके पशुओं को हो जाए, यह उनके जीवन के लिए बहुत ही उपयोगी है। टीकाकरण करा लेना चाहिए, मित्रो दूध तो बिकता है पर अब गोबर का भी व्यापार हो, उसमें से भी किसानों को इनकम हो, गोबरधन का हम बड़ा काम कर रहे हैं, यह काम देशभर में हो रहा है। और हमारे बनास डेरी में तो सीएनजी का प्लान्ट भी गोबर में से बनाने का शुरु किया है। गोबरधन योजना के प्लान्ट आज सभी जगह लग रहे हैं। बायोगेस, बायो सीएनजी उसकी शुरुआत हो रही है और अब तो देश में बड़ा बायो फ्यूल अभियान भी चल रहा है, जिसके कारण यह मेरे किसानों के खेत का पशुओं का जो वेस्ट निकलता है उसमें से भी इनकम हो उसके ऊपर भी काम चल रहा है। गोबर में से बिजली कैसे बने, उस दिशा में भी हम आगे बढ़ रहे हैं।
मेरे प्रिय परिवारजनों,
उत्तर गुजरात आज जो विकास की ऊँचाई को छु रहा है, उसके पीछे दिन रात विकास कार्यों का होना है। थोड़े दशक पहले हम सोच रहे थे कि उत्तर गुजरात के अंदर कोई उद्योग आ ही नहीं सकता, आज देखिए यह विरमगाम से लेकर पूरा क्षेत्र, मंडल से लेकर बहुचराजी से घूम घूमकर मेहसाणा की तरफ आ रहा है। और उत्तर गुजरात की ओर जा रहा है, इस तरफ रांधनपुर की ओर जा रहा है। आप सोचिये पूरी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री इस क्षेत्र के अंदर फैल रही है। मांडल, बहुचराजी हो पूरी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री, यह मेरे उत्तर गुजरात के लोगों को रोजगार के लिए बाहर जाना पड़ता था, और आज बाहर के लोग रोजगार के लिए उत्तर गुजरात आने लगे हैं, ऐसी स्थिति पैदा हुई है। दस साल के अंदर औद्योगीकरण के साथ हम आगे बढ़े हैं। आज इनकम दोगुनी हो गई है। मेहसाणा में फूड प्रोसेसिंग के साथ दवा, इंजीनियरिंग उद्योग उसका भी विकास होने लगा है। बनासकांठा, साबरकांठा यह तो सिरामिक की दिशा में आगे बढ़े है। मैं जब छोटा था, तब मैंने सरदारपुर के आसपास की मिट्टी सिरामिक के लिए ले जाए ऐसा सुनता था। आज उसे धरती पर उतारने का काम किया गया है।
मेरे प्रिय परिवारजनों,
आने वाले समय में ग्रीन हाईड्रोजन के रुप में एक सशक्त माध्यम से देश आगे बढ़ने वाला है। और उसमें भी नॉर्थ गुजरात का योगदान बहुत बड़ा रहने वाला है। यहां रोजगार के नए अवसर आने वाले हैं, और अब तो इस क्षेत्र की पहचान एक महत्वपूर्ण सोलर एनर्जी के रूप में होने लगी है। मोढेरा में तो आपने देखा, सूर्य ग्राम परंतु पूरा उत्तर गुजरात सूर्य की शक्ति से तेजस्वी रूप से आगे बढ़ने वाला है। पहले पाडण में फिर बनासकांठा में सोलर प्लांट का निर्माण हुआ, और अब मोढेरा 24 घंटे सूर्य़ ऊर्जा से चलता है। सूर्य शक्ति के सामर्थ्य का फाय़दा उत्तर गुजरात ले रहा है। सरकार का जो रूफ टॉप सोलर पालिसी, घर पर खुद की छत पर सोलर, उसे बिजली खुद के घर में तो फ्री मिले परंतु वह सरकार को भी ज्यादा बिजली बेच सके, उसकी दिशा में काम किया है। पहले बिजली पैसे देकर भी नहीं मिलती थी, वह बिजली अब गुजरात के लोग बेच सके, इस दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं।
साथियों,
आज रेलवे के लिए भी बहुत काम हुए हैं, 5 हजार करो़ड़ रुपये से भी ज्यादा प्रोजेक्ट आज गुजरात को मिले है। महेसाणा-अहमदाबाद के बीच डेडीकेटेडेट कोरीडोर यह बहुत बड़ा काम होने वाला है, इसका बहुत बड़ा लाभ होने वाला है, उसका लोकार्पण हुआ है। इससे पीपावाव, पोरबंदर, जामनगर तक के बंदरगाह तक की कनेक्टिविटी बढ़ने वाली है। और गुजरात की विकास गति बढ़ेगी। उसका लाभ किसानों, पशुपालकों और उद्योगों सबको मिलने वाला है, और उसके कारण यहां इंडस्ट्री का विस्तार होने की पूरी संभावना है। उत्तर गुजरात में लॉजिस्टिक के लिए हब बने, स्टोरेज के लिए बड़े सेक्टर बने, उसके लिए बड़ी ताकत मिलने वाली है।
मेरे परिवारजनों,
गत 9 सालों में पूर्व और पश्चिम डेडीकेटेडेट फ्रेट कोरिडोर का काम लगभग 25 सौ किलोमीटर का हिस्सा पूर्ण हो गया है। इसमें पैसेंजर ट्रेन हो, मालगाड़ी हो यहां सभी को बड़ा लाभ मिल रहा है और लास्ट स्टेशन तक इसका लाभ मिले इसकी व्यवस्था की गई है। फ्रेट कोरिडोर का फायदा यह हो रहा है कि ट्रक और टैंकर आज कोई भी सामान लेकर सड़क पर जाते हों तो बहुत समय लगता है और महंगा भी होता है। अब उसमें भी फाय़दा होगा गति भी बढ़ेगी। यह डेडीकेटेडेट फ्रेट कोरिडोर बड़ी-बड़ी गाड़ियों को लेकर ट्रेन के ऊपर माल से लदे ट्रक भी उसके ऊपर चढ़ जाया करते हैं। बनास में आपने देखा होगा कि गाड़ी के ऊपर ट्रक चढ़कर दूध लेकर रेवाड़ी पहुँचता है। उसके कारण समय बच जाता है, दूध ख़राब होने से बच जाता है और किसानों की आमदनी में भी लाभ होता है। इस क्षेत्र के किसानों के भी पालनपुर, हरियाणा और रेवाड़ी तक दूध के टैंकर पहुंच रहे हैं।
साथियों,
यहां जो कडोसण रोड, बहुचराजी रेल लाईन उसका जो विरमगाम रेल सामखीयाणी रेल लाइन का डबलीकरण किया गया है, उसका भी लाभ इस कनेक्टिविटी से मिलेगा, गाड़ियां तेज गति से चलेगी। मित्रों, उत्तर गुजरात में प्रवासन की भी पूरी संभावनाएं है, आप देखो आपके पड़ोस में वडनगर जितना महत्व काशी का है, एक काशी अविनाशी है, काशी में कभी लोग ना हो ऐसा कालखंड नहीं गया, हर युग में वहां लोग रहे हैं, काशी के बाद वडनगर है, जिसका कभी विनाश नहीं हुआ। यह सब खुदाई में निकला है, दुनियाभर के लोग टूरिस्ट के तौर पर आने वाले हैं, अपना काम है इस टूरिज्म का लाभ हम लें, राजस्थान और गुजरात को जोड़ती तारंगा हिल, अंबाजी-आबू रोड रेल लाइन। यह रेल लाइन बड़ा भाग्य बदलने वाली है दोस्तों, इसका अपने यहाँ से विस्तार होने वाला है। ब्रोडग्रेज लाईन यहां से डाय़रेक्ट दिल्ली पहुंचने वाली है। देश के साथ जुड़ने वाली है, जिसके कारण तारंगा, अंबाजी, धरोई हो यह सभी टूरिज्म के क्षेत्र भी विकसित होने वाले हैं। इस क्षेत्र में औद्योगिक विकास, पर्यटन सेक्टर के विकास में यह रेल लाइन बहुत बड़ी भूमिका अदा करने वाली है। इससे अंबाजी तक उत्तम से उत्तम रेल कनेक्टिविटी होने वाली है। यहां दिल्ली, मुंबई और देश भर के श्रद्धालुओं के लिए आना-जाना आसान हो जायेगा।
मेरे परिवारजनों,
आपको याद होगा कच्छ की चर्चा मैं करता था। एक जमाना था, जब कोई कच्छ का नाम नहीं लेना चाहता था और आज कच्छ में रणोत्सव धोरडो की दुनिया में सकी जय-जयकार कर रही है। दुनिया के उत्तम से उत्तम विलेज टूरिस्ट टूरिजम के लिए अपने धोरडो को पसंद करते हैं। और उसी तरह अपने नडाबेट का भी जयकार थोड़े दिन में होने वाला है, उसे भी हमें आगे बढ़ाना है। मेरे कहने का तात्पर्य इतना है कि आज जब आपके बीच आया हूं, तब यहां कि नव युवा पीढ़ी के बीच में आया हूं, तब गुजरात के उज्ज्वल भविष्य, देश के उज्ज्वल भविष्य और संपूर्ण रुप से समर्पित गुजरात के कल्याण करने के हेतु आज जब हम काम कर रहे हैं। गुजरात के उज्ज्वल भविष्य, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए यह मेरी खुद की मिट्टी, जिस मिट्टी ने मुझे बड़ा किया है, उसका आशीर्वाद लेकर निकलूंगा, एक नई शक्ति प्राप्त करके निकलूंगा और पहले जितनी मेहनत करता था, उससे अनेक गुना ज्यादा मेहनत करुंगा, पहले जो विकास के काम जिस गति से करता था, उससे ज्यादा गति से करुंगा, क्योंकि यह आपका प्रेम, आशीर्वाद यही मेरी ऊर्जा है, मेरी ताकत है। गुजरात और देश का सपना है, 2047 में जब आजादी के 100 वर्ष पूर्ण हो जाए, तब यह देश विकसित देश होना चाहिए। दुनिया के बड़े-बड़े देशों के बराबर होना चाहिए। उसके लिए हमने काम बीड़ा उठाया है। मेरी इस धरती के सभी मेरे वरिष्ठ, स्वजन आपके बीच आया हूं, आप मुझे आशीर्वाद दें ताकि पूरी शक्ति से काम करूँ, ज्यादा से ज्यादा काम करूं, पूरे समर्पण भाव से करूं, इसी अपेक्षा के साथ मेरे साथ बोलिए,
भारत माता की जय,
भारत माता की जय,
भारत माती की जय।
बहुत-बहुत धन्यवाद।
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2.#PM inaugurates, dedicates to the nation and lays foundation stone for projects worth around Rs 5800 crores in Mehsana, Gujarat:30 Oct 2023: Print News
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VIDEO: PM Modi's speech at launch of development initiatives in Mehsana, Gujarat
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#PM inaugurates, dedicates to the nation and lays foundation stone for projects worth around Rs 5800 crores in Mehsana, Gujarat
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“30th and 31st October are a source of great inspiration for everyone as the former is the death anniversary of Govind Guru ji and the latter is the birth anniversary of Sardar Patel ji”
“India’s development story has become a matter of discussion around the world”
“Whatever resolution Modi takes, he fulfills it”
“Scope of irrigation in North Gujarat has increased manifold in 20-22 years owing to irrigation projects”
“Water conservation scheme started in Gujarat has now taken the form of Jal Jeevan Mission for the country”
“More than 800 new village dairy cooperative societies have also been formed in North Gujarat”
“Unprecedented work of linking our heritage with development is being done in the country today”
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The Prime Minister, Shri Narendra Modi inaugurated, dedicated to the nation and laid the foundation stone for projects worth around Rs 5800 crores in Mehsana, Gujarat today. The projects include multiple sectors such as rail, road, drinking water and irrigation.
Addressing the gathering, the Prime Minister remarked that the two dates of 30th and 31st October are a source of great inspiration for everyone, as the former is the death anniversary of Govind Guru ji and the latter is the birth anniversary of Sardar Patel ji. “Our generation has expressed its reverence for Sardar Saheb by building the world’s largest statue, the Statue of Unity”, Shri Modi said. He mentioned that the life of Govind Guru ji is also a symbol of the contribution and sacrifice of the tribal society in the independence of India. He expressed happiness that over the years, the government established the importance of Mangarh Dham at the national level.
The Prime Minister mentioned performing darshan and pooja at Ambaji Temple earlier in the day and expressed gratitude for getting the opportunity to seek the blessings of Goddess Ambaji. He appreciated the work being done to develop Gabbar Parvat and enhance its grandeur. Speaking about the projects of today, the Prime Minister said that the foundation stone of projects worth about Rs 6000 crores has been laid and inaugurated with the blessings of Lord Ambe. He said that these projects will further improve connectivity and benefit the farmers in the region. “The districts around Mehsana, Patan, Banaskantha, Sabarkantha, Mahisagar, Ahmedabad and Gandhinagar will also benefit from these projects”, he added. He congratulated the people of Gujarat for today’s projects.
“India’s development story has become a matter of discussion around the world”, the Prime Minister said. The Prime Minister mentioned Chandrayaan’s landing on the South Pole of the moon and the successful G20 presidency. He noted the new sense of resolution and credited the power of people for the rise in India’s stature. He highlighted all-round development in the country and mentioned measures for water conservation, irrigation and drinking water. Be it roads, rail or airports, Shri Modi underlined the unprecedented investments in all sectors thereby leading to the development of modern infrastructure in India.
Prime Minister Modi emphasized that the people of Gujarat have already witnessed the development works that the rest of the country is experiencing today. “Whatever resolution Modi takes, he fulfills it”, the Prime Minister remarked. He credited the rapid development to the stable government elected by the people of Gujarat and said that the entire state has benefited from this including North Gujarat.
Recalling the time when life was difficult in the entire North Gujarat region due to lack of water for drinking and irrigation, and the only dairy business faced many difficulties, the Prime Minister pointed out that the farmers were able to harvest only one crop per year and that too without any certainty. Shri Modi highlighted the work done to rejuvenate the region and mentioned the work done for water supply and irrigation here. “We worked to develop the agriculture sector as well as the industrial sector of North Gujarat”, he emphasized. He said that the government’s aim was to create as many new avenues of earning as possible for the people of North Gujarat. He highlighted the Sujalam-Sufalam Scheme which makes use of the water of Narmada and Mahi rivers for the development of Gujarat. Shri Modi informed that 6 barrages are being built on Sabarmati to ensure maximum benefits. “One of these barrages has been inaugurated today. Our farmers and dozens of villages will benefit greatly from this”, he said.
The Prime Minister underlined that the scope of irrigation in North Gujarat has increased manifold in 20-22 years owing to these irrigation projects. He stated that the new technology of micro irrigation made available by the government was immediately adopted by the farmers of North Gujarat and expressed satisfaction that 70 percent area in Banaskantha is making use of the new technology. “Farmers can now grow many crops like wheat, castor, groundnut and gram along with fennel, cumin and other spices. The Prime Minister informed that 90 percent of the country’s Isabgol is processed in Gujarat giving it a unique identity. He also noted the growing agricultural produce and mentioned potatoes, carrots, mango, amla, pomegranate, guava and lemon. He said that efforts are also being made to develop Deesa as an organic farming hub for potatoes. Shri Modi mentioned setting up a huge plant for processing potatoes in Banaskantha. He also mentioned Agro Food Park built in Mehsana and said that work is being done to build a similar mega food park in Banaskantha.
Shri Modi touched upon providing water to every home and mentioned the water conservation scheme started in Gujarat which has now taken the form of Jal Jeevan Mission for the country. “Har Ghar Jal Abhiyan, like the one in Gujarat, is changing the lives of crores of people in the country”, he said.
Noting that women have been the biggest beneficiaries of the development of the animal husbandry and dairy sector, Prime Minister Modi informed that hundreds of new veterinary hospitals have been built in North Gujarat over the years resulting in good health of the animals and thereby increasing milk production. In the last two decades, the Prime Minister informed that more than 800 new village dairy cooperative societies have also been formed in North Gujarat. “Be it Banas Dairy, Doodh Sagar, or Sabar Dairy, they are being expanded unprecedentedly. Apart from milk, these are also becoming big processing centers for other produce of the farmers”, he added. He stated that the central government is running a huge campaign for free vaccination of livestock where Rs 15,000 crores are being spent. He urged the cattle rearers of the region to get their animals vaccinated. He also mentioned setting up many plants under the Gobardhan Yojana where biogas and bio CNG are being made from cow dung.
Speaking about the expansion of the automobile industry in North Gujarat, Shri Modi mentioned the development of Mandal-Becharji Automobile Hub which has given rise to employment opportunities and the income of the people. “The income from industries here has doubled in just 10 years. Apart from food processing, the pharmaceutical industry and engineering industry have also developed in Mehsana. Ceramic-related industries have developed in Banaskantha and Sabarkantha districts”, Shri Modi added.
Prime Minister Modi highlighted today’s railway projects worth more than Rs 5000 crores and mentioned the dedicated freight corridor between Mehsana and Ahmedabad. He underlined that it will further strengthen the connectivity of North Gujarat with major ports like Pipavav, Porbandar and Jamnagar. It will also strengthen the logistics and storage-related sector in North Gujarat, he said.
Touching upon green hydrogen and solar energy production in the country, the Prime Minister highlighted the solar park in Patan and then in Banaskantha and said that the Modhera boasts of being a village that runs on solar energy 24 hours. “Today, the government is giving you maximum financial assistance for rooftop solar. Our effort is to minimize the electricity bill of every family”, he said. In the last 9 years, the Prime Minister informed, approximately 2,500 km of Eastern and Western Dedicated Freight Corridors have been completed leading to a reduced travel time for both passenger trains and goods trains. He also mentioned the transportation of milk via trains from Palanpur to Rewari in Haryana. “The work of doubling of Katosan Road-Becharaji railway line and Viramgam-Samakhayali track which has been done here will also strengthen connectivity”, he added.
The Prime Minister highlighted the potential of tourism in Gujarat and mentioned the world-famous Kutch Rann Utsav. He also mentioned Dhordo village of Kutch that was recently recognized as the best tourist village in the world. He also expressed confidence that North Gujarat is becoming a major tourist destination in the country. He gave the example of Nadabet which is becoming an important tourist center and also mentioned Dharoi which is being developed as a big tourism hub. Shri Modi also highlighted Modhera Sun Temple in Mehsana, Akhand Jyoti burning in the center of the city, Kirti Toran of Vadnagar and other places of faith and spirituality. He said that Vadnagar has become a center of attraction for the whole world referring to the excavations carried out revealing traces of ancient civilization. “Central Government has developed many places here under the Heritage Circuit at a cost of Rs 1,000 crore”, the Prime Minister said as he gave the example of Rani Ki Bav which sees a footfall of more than 3 lakh tourists every year on average. Concluding the address, the Prime Minister said, “An unprecedented work of linking our heritage with development is being done in the country today. These will further strengthen our resolve to build a developed India.”
Chief Minister of Gujarat, Shri Bhupendra Patel, Member of Parliament, Shri C R Patil and Union Minister of State, Smt Darshana Jardosh were present among others.
Background
The projects that were inaugurated and dedicated to the nation include the New Bhandu-New Sanand(N) section of the Western Dedicated Freight Corridor (WDFC); doubling of the Viramgam – Samakhiali rail line; Katosan Road- Bechraji – Maruti Suzuki India Limited (MSIL Siding) Rail Project; project for recharge of various village lakes of Vijapur taluka and Mansa taluka of Mehsana and Gandhinagar district; Valasana barrage on Sabarmati river in Mehsana District; two schemes for provisioning of drinking water in Palanpur, Banaskantha; and the Dharoi dam based Palanpur lifeline project – Head work (HW) and water treatment plant of 80 MLD capacity.
The projects whose foundation stones were laid by the Prime Minister included various development projects in Kheralu; the project for providing irrigation facilities in Santrampur taluka of Mahisagar District; widening and strengthening of Naroda – Dehgam – Harsol – Dhansura Road, Sabarkantha; project for Kalol Nagarpalika Sewerage and Septage Management in Gandhinagar District; and projects for sewage treatment plants in Siddhpur (Patan), Palanpur (Banaskantha), Bayad (Aravalli) and Vadnagar (Mehsana).
Speaking at launch of multiple projects in Kheralu, aimed at enhancing the region's infrastructure, economy and ease of living for the citizens. https://t.co/HFX98s1ORm
— Narendra Modi (@narendramodi) October 30, 2023
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